तनाव कब, कैसे और कहाँ से आ जाए — कौन जानता है?
आज बस इतना ही कहा था, "बच्चे को ऑमलेट दे देना।" एक सीधा-सादा जवाब हो सकता था — "ठीक है" या "ओके"। लेकिन जवाब में जो तीखापन मिला, वो सीधे मेरे सिर पर चढ़ गया।
उसने कहा, "क्या समझ रखा है मुझे? क्या मैं कोई मशीन हूँ?"
मुझे पता है कि उसे हमेशा लगता है कि जब भी मैं कुछ कहता हूँ, तो उसे उसी पल करना होता है। जबकि मेरा आशय सिर्फ इतना होता है — "एक याद दिला रहा हूँ, जब मर्जी हो तब कर लेना।"
लेकिन उसने फिर वही समझा कि मैं उसे उसी वक्त करने के लिए कह रहा हूँ। इसी बात को लेकर कई बार हमारे बीच नाराज़गी हो चुकी है। और हर बार मैंने उसे समझाने की कोशिश भी की है...